देहरादून के सेलाकुई में एक बांग्लादेशी नागरिक, चयन अधिकारी, फर्जी पहचान (अमित कुमार) बनाकर बंगाली डॉक्टर के रूप में अवैध रूप से काम कर रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किए। 2017-18 में बेनापोल बॉर्डर से भारत आए चयन ने अपने ताऊ के साथ मेडिकल प्रैक्टिस सीखी और फर्जी दस्तावेज बनवाए। 2022 में ताऊ की मृत्यु के बाद उसने बांग्लादेशी पासपोर्ट जला दिया और सेलाकुई में क्लिनिक चला रहा था।







