देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने जहां आज 11 अक्टूबर 2025 को उस परीक्षा को निरस्त करने का फैसला लिया है तो वहीं बताया है कि तीन महीने के भीतर ये परीक्षा दोबारा से आयोजित कराई जाएगी. आयोग ने इसके लिए बाकायदा प्रेस नोट जारी किया है.
पेपर लीक का पूरा घटनाक्रम:
मामला सामने आने के बाद खालिद फरार हो गया था. हालांकि बाद में पुलिस ने खालिद को भी गिरफ्तार कर लिया था.
21 सितंबर 2025 को यूकेएसएसएससी ने प्रदेशभर में असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर, पटवारी, लेखपाल, ग्राम विकास/ पंचायत अधिकारी समेत ग्रेजुएट लेवल के 416 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी.
परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्न-पत्र के कुछ पन्ने सोशल मीडिया पर लीक हो गए. जिसके बाद प्रदेश में हंगामा हुआ.
पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादुरपुर जट हरिद्वार से एग्जाम सेंटर से पेपर लीक हुआ था.
इसी सेंटर पर मुख्य आरोपी खालिद एग्जाम दे रहा था.
इस सेंटर के तीन कमरों कमरा नंबर 9, 17 और 18 शामिल जैंमर नहीं लगा था.
आरोप है कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद इंविजिलेटर से अनुमति लेकर खालिद बाहर निकला था
वॉशरूम में जाकर खालिद ने पेपर के कुछ शॉट क्लिक कर तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे.
साबिया ने वो पेपर प्रोफेसर सुमन को भेजे और प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए.
सुमन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को न देकर उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी.
बॉबी पंवार ने ये खबर वायरल की, जिसके बाद पूरे प्रदेश में हंगामा मच गया.
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए प्रोफेसर सुमन से पूछताछ की.
उसके बाद पुलिस ने साबिया को गिरफ्तार किया.
साबिया ने अपने भाई खालिद के बारे में बताया.







