रामनगर/पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। चौबट्टाखाल क्षेत्र में पिछले कुछ समय से बाघ द्वारा कई हमले किए जाने के बाद स्थानीय लोग दहशत में हैं। हालात इतने गंभीर हो गए कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने स्वयं हस्तक्षेप करते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग को आदमखोर घोषित बाघ को मारने की अनुमति लेकर शूटर तैनात करने के निर्देश दिए।
लगातार हमलों से दहशत में ग्रामीण
बीते दिनों चौबट्टाखाल क्षेत्र में बाघ के हमले बढ़ते चले गए।
- 13 नवंबर को विकासखंड पोखड़ा के बगड़ीगाड़ गांव की रानी देवी पर बाघ ने हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुईं।
- इसके अगले दिन 14 नवंबर को ग्राम घंडियाल की प्रभा देवी पर भी बाघ ने हमला कर दिया।
दो दिन में दो हमलों ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी, जिसके बाद ग्रामीणों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज कर दी।
मंत्री ने दिया त्वरित एक्शन का निर्देश
घटनाओं की जानकारी मिलने पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जिलाधिकारी पौड़ी और डीएफओ को सख्त निर्देश दिए कि बाघ के बढ़ते आतंक को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि
- इजाजत लेकर प्रोफेशनल शूटर की तैनाती की जाए,
- बाघ की लोकेशन और मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए पिंजरे, कैमरे और गश्त बढ़ाई जाए,
- लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
वन विभाग की तेजी से कार्रवाई
मंत्री की संस्तुति के तुरंत बाद वन विभाग एक्शन में आ गया।
- प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे लगाए गए,
- बाघ को मारने के लिए प्रोफेशनल शूटर तैनात कर दिया गया,
- इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर निगरानी बढ़ा दी गई है।
वन विभाग के अनुसार शूटर हर समय तैयार है और बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
पीड़ित परिवारों को मिलेगी तत्काल सहायता
सतपाल महाराज ने निर्देश दिया कि
- बाघ के हमले में घायल लोगों के परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा दिया जाए,
- विभाग सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
मंत्री ने कहा कि सरकार का पहला कर्तव्य लोगों की जान की सुरक्षा और पीड़ितों की मदद करना है।
ग्रामीणों ने कार्रवाई का स्वागत किया, स्थायी समाधान की मांग
सरकार और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई का ग्रामीणों ने स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही मांग की है कि
- इलाके में स्थायी सुरक्षा व्यवस्था बनाई जाए,
- जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए,
- और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अब पूरे क्षेत्र में वन विभाग सतर्क है और बाघ की तलाश में लगातार गश्त जारी है।







