देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का तीन दिवसीय 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। अधिवेशन के दूसरे दिन परेड ग्राउंड से दर्शनलाल चौक तक करीब साढ़े चार किलोमीटर लंबी भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें देश के सभी राज्यों से आए 1500 से अधिक एबीवीपी प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इसके बाद देहरादून की सड़कों पर एबीवीपी प्रतिनिधियों की भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें “अलग भाषा–अलग वेश, फिर भी अपना एक देश” के समागम से भारत की एकता, विविधता और अखंडता का दिव्य स्वरूप देखने को मिला। देश के विभिन्न शैक्षिक परिसरों से आए विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधताओं के आधार पर भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया। शोभायात्रा में सांस्कृतिक विविधता के साथ अखंडता के अनेक रूप भी देखने को मिले। इस दौरान देवभूमि की सड़कों पर ‘भारत माता की जय’ और ‘कश्मीर से कन्याकुमारी भारत माता एक हमारी’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
एबीवीपी की शोभायात्रा परेड ग्राउंड से शुरू होकर सर्वे चौक, भेल चौक, एश्लेहाल चौक, घंटाघर से होते हुए दर्शनलाल चौक पर संपन्न हुई। दर्शनलाल चौक पर आयोजित खुले अधिवेशन में एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी के नेतृत्व में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए छात्र नेताओं ने बांग्लादेशी घुसपैठ, शिक्षा, छात्रवृत्ति, समाज, ऑपरेशन सिंदूर और युवाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।
शोभायात्रा मार्ग पर जगह-जगह प्रतिनिधियों का जोरदार स्वागत किया गया। गांधी पार्क के समीप मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एबीवीपी प्रतिनिधियों पर पुष्प वर्षा कर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री गमछा लहराते हुए भी नजर आए, जिससे माहौल और अधिक उत्साहपूर्ण हो गया।
राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन की शुरुआत ‘शिक्षा की भारतीय संकल्पना—वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य एवं हमारी भूमिका’ विषय पर आयोजित सत्र से हुई। इस सत्र को एबीवीपी के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही ने संबोधित किया। इसके पश्चात पांच समानांतर सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें वैश्विक Gen-Z आंदोलन एवं भारतीय युवा, AI चैट जीपीटी एवं शिक्षा, बांग्लादेशी घुसपैठ एवं SIR समसामयिक, जनसंख्या असंतुलन एवं विकसित भारत का लक्ष्य तथा ऑपरेशन सिंदूर एवं बदलता सुरक्षा परिदृश्य जैसे विषयों पर विस्तृत मंथन किया गया।
राष्ट्रीय अधिवेशन के माध्यम से शिक्षा, युवा शक्ति और राष्ट्र से जुड़े समसामयिक विषयों पर गंभीर विमर्श हुआ, जिसमें देशभर से आए प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।







