उत्तरकाशी:जनपद में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां ग्रामीणों को सुरक्षित आवाजाही के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले स्यूंणा गांव के ग्रामीणों ने भागीरथी नदी पर स्वयं स्थायी पुलिया का निर्माण कर लिया था, वहीं अब पुरोला विकासखंड के तलड़ा गांव के लोग कमल नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाकर जोखिम भरा आवागमन करने को मजबूर हैं। साल 2023 की आपदा में बही आरसीसी पुलिया दो साल बाद भी नहीं बन पाई, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। प्रशासनिक आश्वासनों के बावजूद पुलिया का निर्माण न होने से अब लोग फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
2023 की आपदा में बह गई थी आरसीसी पुलिया
बिनगदेरा क्षेत्र में तलड़ा गांव के ग्रामीणों की सुरक्षित आवाजाही के लिए कमल नदी पर बनी आरसीसी पुलिया वर्ष 2023 की आपदा में बह गई थी। इसके बाद से ग्रामीण लगातार स्थायी पुलिया की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। मजबूरी में ग्रामीणों ने नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई है, जिस पर होकर रोजमर्रा का आवागमन किया जा रहा है। यह अस्थायी पुल कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
आश्वासन के बाद भी नहीं बनी पुलिया
कमल नदी पर बनी पुलिया बह जाने से तलड़ा गांव के लोग पिछले दो सालों से बरसात के समय जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में काश्तकार अपनी नकदी फसलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीण नदी पर अस्थायी पुलिया बनाकर किसी तरह नदी पार करते हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ते ही यह पुलिया कई बार बह जाती है। ऐसे हालात में ग्रामीण मानव श्रृंखला बनाकर नदी पार करते हैं।
महिलाएं अपनी फसलों को पीठ पर ढोकर सुनारा छानी तक पहुंचाने को मजबूर हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीण सबसे अधिक चिंतित हैं। रोज परिजनों के मन में यह डर बना रहता है कि कहीं पुलिया पार करते समय कोई अप्रिय घटना न घटित हो जाए।
पुल की मांग को लेकर पहले भी हुआ था आंदोलन
स्थायी पुलिया की मांग को लेकर तलड़ा के ग्रामीण पहले भी आंदोलन कर चुके हैं। एक सितंबर को सुनारा छानी के समीप पुरोला रोड पर ग्रामीणों ने जाम लगाकर धरना-प्रदर्शन किया था। इस दौरान नाराज ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। मौके पर पहुंचे पुरोला के तहसीलदार और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया था, लेकिन तीन माह से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई, जिससे ग्रामीणों में एक बार फिर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
क्या कह रहे जिम्मेदार
तलड़ा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता नवीन चमोली का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने धरना-प्रदर्शन के दिन जो आश्वासन दिया था, उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यदि जल्द ही स्थायी पुलिया निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण बहुत जल्द बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
वहीं इस संबंध में एसडीएम पुरोला का कहना है कि शासन से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि अगर जल्द ही स्थायी पुलिया का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे मजबूरन उग्र आंदोलन और सड़क जाम करेंगे। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान कब तक करता है, क्योंकि हर दिन की देरी ग्रामीणों की जान के लिए खतरा बनी हुई है।







