उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की ओर से मुख्यमंत्री आवास में पेंशन किश्त वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेंशन लाभार्थियों के हित में कई अहम निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दी जाने वाली सभी पेंशन राशि हर हाल में हर महीने की 5 तारीख तक लाभार्थियों के बैंक खातों में अनिवार्य रूप से पहुंचाई जाए, ताकि किसी भी वृद्धजन, दिव्यांगजन, विधवा, किसान या कमजोर वर्ग के व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेंशन भुगतान में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने नवंबर माह की 13,982.92 लाख रुपये की पेंशन राशि का भुगतान 9,38,999 लाभार्थियों को किया। इसके साथ ही उन्होंने समाज कल्याण विभाग को पेंशन योजनाओं की पूरी प्रणाली को और अधिक सरल, तेज़, समयबद्ध और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं समाज के सबसे कमजोर, जरूरतमंद और वंचित वर्गों के लिए जीवनरेखा के समान हैं। इसलिए इन योजनाओं की पारदर्शिता, सत्यापन और सही क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि सभी पेंशन योजनाओं का नियमित आंतरिक ऑडिट (Internal Audit) किया जाए, ताकि किसी भी अपात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ न मिल सके और सरकारी सहायता केवल वास्तविक पात्र व्यक्ति तक ही पहुंचे।
सीएम धामी ने समान प्रकृति वाली सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को इंटीग्रेशन के माध्यम से एकीकृत करने के निर्देश भी दिए, ताकि डुप्लीकेसी को समाप्त किया जा सके और योजनाओं का लाभ तेजी से सही लाभार्थियों तक पहुंच सके।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के स्मृति-चिह्न, उपहार या सम्मान सामग्री में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का ही उपयोग किया जाए। उन्होंने बुके की जगह बुक देने की नई परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इसे समय, धन और संसाधनों की बचत करने वाला कदम बताया।
सीएम ने सभी कार्यक्रमों को अधिक सादगीपूर्ण बनाने पर भी जोर देते हुए कहा कि यह न केवल एक अच्छी प्रशासनिक परंपरा है, बल्कि सुशासन और उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने वाला कदम भी है।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, किसान पेंशन, परित्यक्ता पेंशन, भरण-पोषण अनुदान, तीर्थ पुरोहित पेंशन और बौना पेंशन सहित कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन सभी योजनाओं के तहत 9.38 लाख से अधिक लाभार्थियों को हर महीने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में पेंशन भेजी जा रही है।
डिजिटल लेन-देन की यह व्यवस्था न केवल पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इससे लाभार्थियों को दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी राहत मिल रही है। इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए हर वर्ष 13,982.92 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।






