सुधांशु त्रिवेदी अपने धारदार वक्तव्य, इतिहास और राजनीति पर गहरी पकड़ और संगठनात्मक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यूपी से ताल्लुक रखने वाले त्रिवेदी ने बीजेपी की कई अहम रणनीतियों में योगदान दिया है और पार्टी के भीतर एक बौद्धिक चेहरा माने जाते हैं।
क्यों बढ़ी उनकी दावेदारी?
👉 मौजूदा नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच, पार्टी ऐसे चेहरे की तलाश में है जो संगठन को मज़बूत करने के साथ-साथ विपक्ष पर विचारधारात्मक पलटवार भी कर सके।
👉 त्रिवेदी का साफ़-सुथरा राजनीतिक करियर और उनकी संवाद कला उन्हें शीर्ष पद की दौड़ में आगे रखती है।
👉 इसके अलावा, वो संघ की पृष्ठभूमि और नेतृत्व के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं।
हालांकि बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर अभी किसी नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन दिल्ली की गलियारों में चर्चाएँ तेज़ हैं कि संगठन में बड़े बदलाव की घड़ी नज़दीक है। हालांकि यह तो वक़्त ही बताएगा की भाजपा के अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा । बस अभी अटकले तेज है।









