देहरादून: यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग) पेपर लीक मामले को लेकर इस वक्त उत्तराखंड का माहौल गरमाया हुआ है. इस मसले पर प्रदेश के अंदर जमकर राजनीति हो रही है. एक तरफ जहां विपक्षी दल और युवा सड़कों पर पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन कर रहे है तो वहीं प्रदेश के मुखिया सीएम पुष्कर सिंह धामी इस आंदोलन को नकल जिहाद बता रहे है. ऐसे में प्रदेश के अंदर नकल जिहाद के लेकर नई सियासी बहस छिड़ गई है. एक तरफ कांग्रेस ने जहां सरकार पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है तो वहीं बीजेपी ने हरीश रावत को जिहाद की डेफिनेशन बताने को कहा है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी के कारण उत्तराखंड में जिहाद शब्द काफी चर्चाओं में हैं. क्योंकि सीएम पुष्कर सिंह धामी के अधिकांश एक्शन में जिहाद शब्द का जिक्र हुआ है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले लैंड जिहाद के खिलाफ अपना एक्शन शुरू किया था. इसके बाद सीएम धामी ने थूक जिहाद की बात कही थी. वहीं अब उत्तराखंड में नकल जिहाद की एंट्री हुई है.
भाजपा सरकार और संगठन समय-समय पर तमाम घटनाओं को जिहाद से जोड़ती रही है. यही वजह है कि उत्तराखंड राज्य में चारों तरफ जिहाद शब्द चर्चाओं का विषय बना हुआ है. साथ ही इन सभी जिहाद को लेकर सवाल उठ रहे है?
शुरुआती दौर में लव जिहाद का मामला काफी अधिक चर्चाओं में रहा था. उस दौरान राज्य सरकार ने भी लव जिहाद पर रोक लगाए जाने को लेकर धर्मांतरण कानून बनाया था, ताकि जबरन, प्रलोभन या फिर डरा धमका कर होने वाले धर्मांतरण पर लगाम लग सके







