दिनांक: 23 अक्टूबर 2025, यमुनोत्री (उत्तरकाशी, उत्तराखंड)**
समाचार:
चार धामों में से एक पवित्र यमुनोत्री धाम के कपाट आज विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मां यमुना की डोली को पारंपरिक रीति से उनके शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली गांव के लिए रवाना किया गया।
भोर से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में धाम परिसर में पहुंचकर मां यमुना के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। जैसे ही मंदिर के कपाट बंद किए गए, भक्तों ने “जय मां यमुना” के जयकारे लगाए और आंखों में आंसू लिए माता के दर्शन का आख़िरी अवसर पाया।
मंदिर समिति के अनुसार, अगले छह महीनों तक मां यमुना की पूजा-अर्चना खरसाली गांव स्थित मंदिर में ही की जाएगी।
इस वर्ष यमुनोत्री यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और मां यमुना के आशीर्वाद प्राप्त किए।
पौराणिक महत्व:
हिमालय की गोद में स्थित यमुनोत्री धाम मां यमुना का उद्गम स्थल माना जाता है। यहां गर्म जलकुंड “सूर्यकुंड” और “गौरिकुंड” विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। हर वर्ष कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक लाखों श्रद्धालु यहां स्नान और पूजा के लिए आते हैं।
अगले वर्ष कपाट खुलेंगे:
मां यमुना के कपाट आगामी अक्षय तृतीया (अप्रैल 2026) को पुनः खोले जाएंगे।







