देहरादून। राजधानी देहरादून के पुराने व्यापारिक क्षेत्र आढ़त बाजार को नए रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने घोषणा की है कि 3 नवंबर 2025 से प्रभावित भू-स्वामियों की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रजिस्ट्री से पहले हर भू-स्वामी को एक शपथ पत्र (अफिडेविट) देना होगा, जिसमें यह उल्लेख होगा कि रजिस्ट्री की तारीख से 15 दिनों के भीतर वे अपने प्रभावित निर्माणों को स्वयं ध्वस्त करेंगे। निर्धारित समयसीमा में ऐसा न होने पर एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा और इस दौरान किसी भी प्रकार की आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी।
न्यायिक विवादों से मुक्त मामलों को प्राथमिकता
परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर एमडीडीए की बैठक में सचिव मोहन सिंह बर्निया ने बताया कि जिन भू-स्वामियों की पत्रावलियां किसी न्यायिक प्रक्रिया में लंबित नहीं हैं और जिनका स्वामित्व विधिवत सिद्ध है, उन्हें भू-खण्ड आवंटन और धनराशि वितरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
लेखपाल नजीर अहमद ने बैठक में जानकारी दी कि
✔ अधिकांश निर्माण कार्य पूरे किए जा चुके हैं
✔ शेष कार्य निर्धारित समय में पूरे होंगे
रजिस्ट्री प्रक्रिया समय से पूरी होने के बाद प्रोजेक्ट के अगले चरणों को गति मिल सकेगी।
ऐतिहासिक बाजार को मिलेगी नई पहचान
सचिव बर्निया ने बताया कि परियोजना का लक्ष्य केवल अवसंरचना निर्माण नहीं, बल्कि पुरातन बाजार को
• सुव्यवस्थित
• स्वच्छ
• आधुनिक सुविधाओं से युक्त
रूप में विकसित करना है ताकि स्थानीय पहचान को संरक्षित रखते हुए व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिल सके।
उन्होंने कहा—
“हम देहरादून के बीचोंबीच एक ऐसा आधुनिक बाजार तैयार कर रहे हैं, जो नया होगा मगर अपनी पुरानी संस्कृति को भी संजोए रखेगा।”
एमडीडीए के अनुसार पूरी परियोजना को
✔ पारदर्शिता
✔ जनसुविधा
✔ समयबद्ध क्रियान्वयन
के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
राज्य का सर्वश्रेष्ठ पुनर्विकास मॉडल बनने की ओर
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने इसे देहरादून के विकास का महत्वपूर्ण अध्याय बताते हुए कहा कि परियोजना शहर के सौंदर्यीकरण और व्यापारिक ढांचे को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने आश्वस्त किया कि विकास कार्यों के दौरान किसी भी नागरिक को अनावश्यक असुविधा नहीं होने दी जाएगी और सभी प्रक्रियाएँ व्यवस्थित ढंग से पूरी होंगी।







