देहरादून। उत्तराखंड की आसन झील इन दिनों विदेशी पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार है। सर्द मौसम की शुरुआत के साथ ही साइबेरिया, रूस, मध्य और दक्षिणी यूरोप, मध्य एशिया व चीन के कई हिस्सों से प्रवासी पक्षी यहां पहुंच रहे हैं। इन परिंदों को देखने और अपने कैमरों में कैद करने के लिए देशभर से पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर आसन झील का रुख कर रहे हैं।
चकराता वन प्रभाग के अंतर्गत स्थित आसन कंजर्वेशन वेटलैंड (रामपुर मंडी रामसर साइट) प्रवासी पक्षियों के प्रमुख आशियाने के रूप में जाना जाता है। हर साल अक्टूबर से मार्च तक झील में हजारों की संख्या में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है। यह पक्षी करीब 16,000 किलोमीटर की लंबी हवाई यात्रा तय कर यहां पहुंचते हैं।
झील के किनारे सुबह की धूप में पंख फैलाते और पानी में डुबकी लगाते विदेशी मेहमानों को देखना बेहद मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है। पक्षियों के आगमन से यहां पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
वन विभाग अलर्ट मोड पर
पक्षियों की सुरक्षा और बढ़ती भीड़ को देखते हुए वन विभाग ने गश्त बढ़ा दी है। विभाग का कहना है कि पक्षियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए निगरानी कड़ी कर दी गई है। शिकार व अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही पर्यटकों को शांत वातावरण बनाए रखने की अपील की गई है।
पर्यटन को मिल रहा बढ़ावा
प्रवासी पक्षियों की वजह से आसन झील सर्दियों में पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन जाती है।
स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलते हैं। बर्ड वॉचिंग, फोटो शूट और बोटिंग गतिविधियों के चलते यहां रौनक बनी रहती है।







