गैरसैंण: उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेशभर में रजत जयंती समारोह उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। 1 नवंबर से शुरू हुए कार्यक्रम 11 नवंबर तक जारी रहेंगे। इसी क्रम में सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन परिसर में भव्य आयोजन किया गया।
इससे पहले 9 नवंबर को देहरादून स्थित एफआरआई में मुख्य समारोह संपन्न हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लेते हुए 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था।
रैतिक परेड का निरीक्षण, आंदोलनकारियों को सम्मान
चमोली के भराड़ीसैंण में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। उन्होंने रैतिक परेड का निरीक्षण किया और उसके बाद राज्य आंदोलनकारियों का मंच पर सम्मान किया।
सीएम धामी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा—
“राज्य निर्माण में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी अमर शहीदों और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर जवानों को नमन करता हूँ। राज्य आंदोलनकारियों की बदौलत ही हमें अपना अलग राज्य मिला।”
वाजपेयी को याद किया, पीएम मोदी के विजन पर किया जोर
सीएम ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा—
“उत्तराखंड राज्य की स्थापना उनकी ही देन है। विशेष औद्योगिक पैकेज के माध्यम से उन्होंने राज्य के लिए विकास की नई दिशाएं खोलीं।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर विश्वास जताया है कि—
“यह दशक उत्तराखंड का होगा।”
राज्य सरकार इस संकल्प को धरातल तक पहुँचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
30 से अधिक नई नीतियों से बढ़ा विकास और रोजगार
सीएम धामी ने सरकार के कार्यकाल को रेखांकित करते हुए कहा—
“पिछले चार वर्षों में रोजगार सृजन और समग्र विकास को गति देने हेतु 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू की गईं। इनके सकारात्मक परिणाम आज दिखाई देने लगे हैं और उत्तराखंड कई क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो रहा है।”
60 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
गैरसैंण में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान करीब 60 योजनाओं की सौगात दी गई, जिनका फोकस—
- सड़क और पुल निर्माण
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र का विस्तार
- ग्रामीण एवं पर्यटन विकास
जैसी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर है।
इनसे पहाड़ी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी तथा आर्थिक गतिविधियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
उत्साह से भरा माहौल
समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और जीवंत बना दिया। लोगों ने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड और मजबूत स्वरूप में उभरेगा।







