देहरादून: पूर्व विधायक और बीजेपी नेता प्रणव सिंह चैंपियन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार सुर्खियों का कारण उनके बेटे दिव्य प्रताप सिंह हैं, जिन पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एस. रामास्वामी के बेटे आर. यशोवर्धन के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। यह घटना 15 नवंबर की रात देहरादून के राजपुर रोड पर हुई। पुलिस दिव्य प्रताप सिंह पर मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
घटना सामने आने के बाद देहरादून परिवहन विभाग ने भी सख्त रुख अपनाया है और प्रणव सिंह चैंपियन को नोटिस जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला, तो उनकी कार की RC रद्द की जा सकती है।
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, मारपीट गाड़ी को ओवरटेक करने को लेकर हुई थी। घटना के समय जिस लैंड क्रूज़र UK07DN0001 का इस्तेमाल किया गया, वह कार प्रणव सिंह चैंपियन के नाम पर रजिस्टर्ड है।
एम-परिवहन ऐप के मुताबिक, इस वाहन पर पिछले 5 वर्षों में 28 चालान दर्ज हैं। ये सभी चालान ओवर स्पीडिंग और पॉल्यूशन से संबंधित हैं। इतना ही नहीं, ये चालान दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जारी किए गए हैं।
RTO की प्रतिक्रिया
देहरादून आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी ने बताया कि इस वाहन के चार चालान देहरादून RTO की सीमा में किए गए हैं और सभी ओवर स्पीडिंग से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा,
“पहले चालान के बाद जब दूसरा चालान होता है, तो जुर्माना बढ़ जाता है और लाइसेंस तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है।”
उन्होंने आगे बताया कि नोटिस भेजकर यह पूछा जा रहा है कि चालान के समय वाहन कौन चला रहा था।
“वाहन चालक का लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा और उनसे कहा गया है कि किसी को RTO कार्यालय भेजें ताकि मामले का निस्तारण किया जा सके।”


किसके नाम नोटिस भेजा गया?
आरटीओ के मुताबिक नोटिस कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पुत्र कुंवर नागेंद्र सिंह,
लंढौरा हाउस, मोहनी रोड, डालनवाला, देहरादून के नाम पर भेजा गया है।
नोटिस में वाहन संख्या UK07DN0001 के 26 जुलाई 2025 के ओवर स्पीड चालान का भी उल्लेख है। साथ ही यह भी बताया गया है कि इससे पहले 18 चालान इस गाड़ी के हो चुके हैं।
नोटिस में कहा गया है कि लगातार इस वाहन द्वारा मोटर वाहन अधिनियम 1988 के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है।
नोटिस में क्या चेतावनी दी गई है?
नोटिस में प्रणव सिंह चैंपियन को सात दिन के भीतर
- वाहन चालक के ओरिजिनल लाइसेंस सहित
- स्वयं या प्रतिनिधि को RTO कार्यालय में पेश होने
के निर्देश दिए गए हैं।

यदि ऐसा नहीं किया गया तो वाहन के रजिस्ट्रेशन को ब्लैकलिस्ट करते हुए आगे की कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।
पुलिस जांच और परिवहन विभाग की सख्ती के कारण यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है।







