देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में नए प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) की नियुक्ति को लेकर इंतज़ार अब खत्म होने वाला है। शासन ने 25 नवंबर को विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में यह अंतिम निर्णय होगा कि समीर सिन्हा के बाद वन विभाग की कमान किस अधिकारी को सौंपी जाएगी।
नए हॉफ की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया तेज
वन विभाग में शीर्ष पद हॉफ की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से तैयारियां चल रही थीं। अब शासन ने तारीख तय कर दी है, और 25 नवंबर को होने वाली डीपीसी में वरिष्ठता, सेवा रिकॉर्ड और विभागीय मूल्यांकन के आधार पर योग्य अधिकारी का चयन किया जाएगा।
30 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे वर्तमान हॉफ समीर सिन्हा
वर्तमान में हॉफ का दायित्व निभा रहे समीर सिन्हा 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने जून 2024 में यह जिम्मेदारी संभाली थी, जब पूर्व हॉफ धनंजय मोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी।
उनके सेवानिवृत्त होने से पहले नए मुखिया की नियुक्ति आवश्यक हो गई है, जिससे विभाग में किसी तरह का प्रशासनिक अंतर न बने।
केंद्र सरकार ने भी दे दी डीपीसी को मंजूरी
राज्य सरकार ने 29 सितंबर को केंद्र को पत्र भेजकर डीपीसी की अनुमति मांगी थी। केंद्र सरकार ने अब मंजूरी देते हुए उत्तर प्रदेश के पीसीसीएफ सुनील चौधरी को डीपीसी का सदस्य नामित किया है। उनके शामिल होने से पूरी प्रक्रिया औपचारिक रूप से आगे बढ़ सकेगी।
वन विभाग में हॉफ का पद क्यों अहम?
हॉफ वह अधिकारी होता है जो—
- पूरे वन विभाग का सर्वोच्च प्रशासनिक नेतृत्व संभालता है,
- नीतिगत फैसले लेता है,
- वन्यजीव संरक्षण, वन प्रबंधन और राज्य की वन संपदा के संरक्षण का जिम्मा देखता है,
- विभाग की कार्यशैली और प्राथमिकताओं को तय करता है।
समीर सिन्हा के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए, और अब नए हॉफ से विभाग की दिशा और रणनीतियों को लेकर नई उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।
25 नवंबर की बैठक में लगेगी अंतिम मुहर
केंद्र की सहमति मिलने के बाद अब डीपीसी की पूरी तैयारी पूरी हो चुकी है। 25 नवंबर को होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में यह तय होगा कि आगे वन विभाग का नेतृत्व कौन करेगा।
तेजी से आगे बढ़ रही प्रक्रिया को देखते हुए माना जा रहा है कि नए हॉफ के नाम पर 25 नवंबर को अंतिम मुहर लगना तय है।







