देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में इन दिनों मानव-वन्यजीव संघर्ष गंभीर समस्या बन गया है। गुलदार, भालू, बाघ और अन्य जंगली जानवरों के हमलों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। लगातार बढ़ रहे इस संकट ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इसी बीच बदरीनाथ विधायक लखपत सिंह बुटोला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी से बंदर, सुअर, भालू जैसे जंगली जानवरों को पकड़कर उत्तराखंड की सीमाओं में छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते यहां खतरा लगातार बढ़ रहा है।
यूपी और उत्तराखंड सरकार को ठहराया जिम्मेदार
विधायक लखपत बुटोला ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के जंगल पहले से ही ओवरलोड हो चुके हैं। ऐसे में जंगली जानवरों का इंसानी बस्तियों में आना और फसलों को नुकसान पहुंचाना लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उत्तराखंड की धामी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार बंदर, सुअर आदि जंगली जीवों को पकड़कर उत्तराखंड के पहाड़ों में छोड़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप जंगली जानवर खुलेआम इंसानी बस्तियों में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये जानवर अब इंसानों से भी खौफ नहीं खा रहे और इनमें से अधिकांश वे हैं जो पहले मैदानी क्षेत्रों में रहा करते थे।
ग्रामीणों में बढ़ा भय, हालात बने चिंताजनक
बुटोला ने बताया कि हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब स्थानीय निवासी अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर महसूस कर रहे हैं। फसलों को हो रहे नुकसान और जानवरों के हमलों के डर से कई परिवार प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में जंगली जानवरों का आतंक चरम पर पहुंच चुका है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
मैदानी क्षेत्रों से जानवरों को पर्वतीय इलाकों में न छोड़े जाए
विधायक ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार से यह भी आग्रह किया है कि मैदानी क्षेत्रों से जंगली जीवों को उत्तराखंड में न छोड़ा जाए। इससे वन्यजीव संतुलन बिगड़ रहा है और जानवर पहाड़ों की इंसानी बस्तियों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले ही चरमराई हुई हैं, ऐसे में जंगली जानवरों का खतरा इसे और गंभीर बना रहा है।
“पहाड़ के लोगों को जंगली जानवरों से बचाएं”
बुटोला ने कहा कि वह यह मुद्दा विधानसभा में कई बार उठा चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने दोबारा यूपी और उत्तराखंड सरकारों से अपील की है कि जल्द से जल्द पहाड़ी जिलों में रहने वाले लोगों को जंगली जानवरों के खतरे से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।







