हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में एक दर्दनाक हादसे में ट्रेन की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत हो गई। हाथी के बच्चे की मौत से वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
यह हादसा मोतीचूर रेलवे स्टेशन और रायवाला के बीच खड़खड़ी उत्तरी बीट क्षेत्र में हुआ, जहां अक्सर हाथियों का झुंड जंगल से निकलकर रेलवे ट्रैक पार करता है। घटना के समय भी हाथियों का झुंड पटरी पार कर रहा था, तभी हावड़ा–देहरादून एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर लगते ही शिशु हाथी ट्रेन के इंजन के नीचे फंस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ट्रेन के नीचे शव फंसे रहने के कारण करीब दो घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा।
धुंध बनी हादसे की वजह
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि हादसे के समय क्षेत्र में घना कोहरा था, जिसके कारण ट्रेन चालक को हाथियों का झुंड दूर से नजर नहीं आया। जब ट्रेन नजदीक पहुंची तो इमरजेंसी ब्रेक लगाया गया, लेकिन दूरी कम होने के कारण शिशु हाथी रेलवे ट्रैक पार नहीं कर सका। जबकि झुंड में शामिल चार अन्य हाथी सुरक्षित ट्रैक पार कर चुके थे, लेकिन शिशु हाथी इंजन की चपेट में आ गया।
करीब दो घंटे ठप रहा रेल संचालन
हादसे के चलते देहरादून–हरिद्वार रूट पर करीब दो घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहा। कई ट्रेनें देरी से संचालित हुईं। सूचना पर राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन और जीआरपी की टीमें मौके पर पहुंचीं। कड़ी मशक्कत के बाद हाथी के शव को ट्रैक से हटवाया गया और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कराई गई।
5 से 7 साल के बीच थी शिशु हाथी की उम्र
राजाजी टाइगर रिजर्व के एसीएफ अजय लिंगवाल ने बताया कि मृतक शिशु हाथी की उम्र करीब 5 से 7 साल के बीच थी। ट्रेन की टक्कर से उसकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और शव को ट्रैक से हटवाकर पोस्टमार्टम कराया गया है। साथ ही घटना के बाद क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
लोको पायलट और सहायक पर मुकदमा दर्ज
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि हादसे के समय ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से अधिक थी। लापरवाही पाए जाने पर राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से लोको पायलट खुशी राम मौर्य और सहायक लोको पायलट दीपक कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मोतीचूर रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि दोनों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
इस हादसे ने एक बार फिर राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।







