देहरादून:पूर्व विधायक और बीजेपी नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह ने देहरादून के राजपुर रोड पर हुए मारपीट मामले में अपने बयान दर्ज कराए हैं। दिव्य प्रताप सिंह ने पूर्व मुख्य सचिव के बेटे से मारपीट की घटना को सिरे से नकारते हुए कहा है कि कार को हॉर्न और हूटर बजाने के बावजूद साइड नहीं दिए जाने के कारण केवल विवाद हुआ था, लेकिन कार में बैठी सवारी के साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई।
13 नवंबर की रात का मामला
दरअसल, दिव्य प्रताप सिंह पर आरोप है कि 13 नवंबर की रात देहरादून के राजपुर रोड पर पूर्व मुख्य सचिव एस. रामास्वामी के बेटे आर. यशोवर्धन के साथ मारपीट की गई थी। यशोवर्धन का आरोप है कि वह दिलाराम चौक से ओल्ड मसूरी रोड स्थित अपने घर जा रहे थे, तभी साइड न देने को लेकर विवाद हुआ। आरोप है कि दिव्य प्रताप सिंह और उनकी मां के गनर कांस्टेबल राजेश सिंह ने उनके साथ बुरी तरह मारपीट की और पिस्टल भी दिखाई।
राजपुर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
इस मामले में आर. यशोवर्धन की तहरीर पर देहरादून के राजपुर थाने में दिव्य प्रताप सिंह और उनके गनर कांस्टेबल राजेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामला मीडिया में आने के बाद हरिद्वार पुलिस ने कांस्टेबल राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया था। वहीं जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने दिव्य प्रताप सिंह को मिले तीन हथियारों के लाइसेंस भी निरस्त कर दिए थे।
बयान दर्ज कराने के लिए मिला था समय
थाना राजपुर पुलिस ने आरोपी दिव्य प्रताप सिंह को 17 नवंबर को धारा 35(3) बीएनएसएस के तहत बयान दर्ज कराने के लिए तीन दिन का समय दिया था, लेकिन वह तय तिथि पर उपस्थित नहीं हुए। इस पर उनके वकील की ओर से पुलिस को बताया गया था कि दिव्य प्रताप सिंह उस समय मानव रचना स्पोर्ट्स साइंस सेंटर, फरीदाबाद और केएसएसआर नई दिल्ली में इंटरनेशनल चैंपियनशिप की ट्रेनिंग में शामिल थे, जो 18 नवंबर से 30 नवंबर तक चलनी थी। इसके संबंध में मानव रचना स्पोर्ट्स साइंस की ओर से एसएसपी को संबोधित एक पत्र भी विवेचक को सौंपा गया था, जिसमें 30 नवंबर तक का समय मांगा गया था।
अब जांच में शामिल हुए दिव्य प्रताप
थाना राजपुर प्रभारी प्रदीप रावत ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दिव्य प्रताप सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने खेल प्रशिक्षण में व्यस्त होने का हवाला देकर समय मांगा था। अब वह थाने आकर पुलिस जांच में शामिल हो गए हैं और उनके बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई अब पुलिस जांच के आधार पर की जाएगी।
राजपुर रोड पर हुई इस घटना को लेकर यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी खासा चर्चा में रहा है।







