देहरादून: नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग लेकर उपनल कर्मचारियों का धरना लगातार 10वें दिन भी जारी रहा। परेड ग्राउंड के पास सड़क किनारे बैठे इन कर्मचारियों का संघर्ष अभी भी जारी है। मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला धरना स्थल पर पहुंचे और आंदोलनरत कर्मचारियों का समर्थन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दिया मजबूत समर्थन
धरने पर बैठे उपनल कर्मियों से मुलाकात के दौरान गणेश गोदियाल ने उनकी मांगों को जायज़ बताया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्षों से इन कर्मचारियों की आवाज को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है, जो न्याय के सिद्धांतों का खुला अपमान है।
गोदियाल ने कहा—
“ये कर्मचारी राज्य की रीढ़ हैं, लेकिन पिछले 9 दिनों से सड़क पर बैठकर न्याय की मांग कर रहे हैं। यह सरकार की कठोरता और तानाशाही का जीता-जागता उदाहरण है। कांग्रेस इनके साथ पहले भी थी, अब भी है और जब तक इन्हें न्याय नहीं मिल जाता, हमारा समर्थन जारी रहेगा।”
गोदियाल का बड़ा बयान— “सरकार समाधान कर दे, तो मैं भी उनका अभिनंदन करूंगा”
गणेश गोदियाल ने सरकार को सीधा संदेश देते हुए कहा—
“भाजपा सरकार कर्मचारियों के हितों, रोजगार और संविदा व्यवस्था में सुधार को लेकर जानबूझकर मौन साधे बैठी है। हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत कर्मचारियों से वार्ता करे और उनकी मांगों का समयबद्ध समाधान निकाले।
रोजगार और जीवन सुरक्षा को लेकर पारदर्शी नीति लागू की जानी चाहिए। यदि राज्य सरकार इनकी समस्याओं का समाधान कर देती है, तो मैं स्वयं कर्मचारियों के साथ मिलकर सरकार का अभिनंदन करूंगा।”
— गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
धरना स्थल पर हंगामा — टेंट लगाने को लेकर पुलिस और महिला कांग्रेस में नोकझोंक
धरने पर मौजूद कर्मचारियों की दुर्दशा देखते हुए महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने उनके लिए टेंट की व्यवस्था की, ताकि वे खुले आसमान के नीचे रात न गुजारें। लेकिन टेंट लगाने के दौरान पुलिस ने आपत्ति जताई कि—
- यह स्थान स्थायी धरना स्थल नहीं है
- यह अत्यंत व्यस्त मार्ग है
- सड़क पर टेंट लगाना नियमों का उल्लंघन है
इस पर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई और कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
ज्योति रौतेला ने सरकार पर बरसीं
विवाद के बाद ज्योति रौतेला ने कहा—
“जब धामी सरकार कर्मचारियों की आवाज सुनने को तैयार ही नहीं है, ऐसे में खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर उपनल कर्मचारियों के लिए हमने टेंट उपलब्ध कराया। सरकार का काम जनता को सुविधाएं देना है, न कि आंदोलित कर्मियों के प्रति बेरुखी दिखाना।”
उपनल कर्मियों की प्रमुख मांगें
- नियमितीकरण
- समान कार्य के लिए समान वेतन
- रोजगार और भविष्य की सुरक्षा
उपनल कर्मचारियों का यह संघर्ष फिलहाल जारी है। अब देखना यह है कि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर वार्ता के लिए आगे बढ़ती है या आंदोलन और लंबा खिंचता है।







