उत्तराखंड सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उन्हें उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकट कर्मकार कल्याण बोर्ड की सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में मनरेगा कर्मकारों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इससे राज्य के लाखों मनरेगा श्रमिकों को अब स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक सहायता और सुरक्षा से जुड़ी कई योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा श्रमिकों को कल्याण बोर्ड की योजनाओं से जोड़ना इस दिशा में बड़ा कदम है।
वर्तमान में उत्तराखंड में मनरेगा के तहत 16.3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 9.5 लाख सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इनमें से जो श्रमिक साल में न्यूनतम 90 दिन काम करते हैं, वे अब कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के पात्र होंगे। अभी बोर्ड में 5.35 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, लेकिन मनरेगा श्रमिकों के जुड़ने के बाद लाभार्थियों की संख्या में बड़ा इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि श्रमिकों के हितों के साथ-साथ सरकार उद्योगों और निवेश को भी बढ़ावा देने पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में नीतिगत सुधारों के चलते खनन क्षेत्र का राजस्व 400 करोड़ रुपये से बढ़कर 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार भी खनन सुधारों से प्रभावित होकर राज्य को 200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दे चुकी है।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर लगातार जोर देते रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है, ताकि निवेशकों को अनावश्यक प्रक्रियाओं में परेशानी न हो।
कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव श्रीधर बाबू के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब मनरेगा श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन विकासखंड स्तर पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। इससे प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी।
श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने बताया कि बोर्ड में पंजीयन के बाद मनरेगा श्रमिक अन्य श्रमिकों की तरह स्वास्थ्य सहायता, दो बच्चों की शिक्षा, दो बेटियों की शादी, और श्रमिक की मृत्यु पर मिलने वाली आर्थिक सहायता सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार के इस निर्णय से राज्य के लाखों मनरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की मजबूत ढाल मिलने जा रही है, जिससे उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।







