देहरादून: उत्तराखंड में भूकंप जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को और मजबूत करने के लिए आज पूरे प्रदेश में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। पर्वतीय जिलों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनसीसी, होमगार्ड और पीआरडी की टीमें राहत और बचाव अभ्यास में सक्रिय रहीं। इस अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक आपदा की स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
देहरादून में 10 स्थानों पर एकसाथ मॉक ड्रिल
राजधानी देहरादून में सुबह 9:30 बजे से भूकंप की स्थिति को सिम्युलेट करते हुए 10 लोकेशन पर एकसाथ मॉक ड्रिल शुरू हुई।
आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, ड्रिल में रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता के झटके महसूस होने का परिदृश्य तैयार किया गया। तहसील स्तर पर एसडीएम लगातार स्थिति की जानकारी साझा कर रहे थे और राहत-बचाव टीमों की गतिविधियों का निरीक्षण कर रहे थे।
आईएसबीटी–MDDA कॉलोनी में मॉक नुकसान का परिदृश्य
देहरादून के आईएसबीटी और MDDA कॉलोनी को गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया।
रिस्पांसिबल ऑफिसर जिलाधिकारी ने ऑपरेशन, लॉजिस्टिक और प्लानिंग सेक्शन के नोडल अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की और तत्काल रेस्क्यू टीमों को रवाना करने के निर्देश दिए।
मॉक सिम्युलेशन में 3–4 ब्लॉक क्षतिग्रस्त और 80–100 लोग फंसे होने की स्थिति बनाई गई। इसके बाद एसडीआरएफ, फायर सर्विस, पुलिस और मेडिकल टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और रेस्क्यू कार्य शुरू किया।
रेस्क्यू कार्यों की लाइव मॉनिटरिंग
आपदा विभाग ने इस मॉक ड्रिल के लिए विस्तृत कमांड सेटअप तैयार किया।
मुख्य सचिव, आपदा सचिव और वरिष्ठ अधिकारी नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहे और सभी घटनास्थलों पर चल रहे रेस्क्यू कार्यों की लाइव मॉनिटरिंग की।
इस अभ्यास का उद्देश्य बड़े भूकंप की स्थिति में टीमों की तत्परता और समन्वय क्षमता का मूल्यांकन करना था।
रुद्रप्रयाग में तेज झटके और नुकसान का सिम्युलेशन
मॉक ड्रिल के दौरान रुद्रप्रयाग जिले में सुबह 09:45 बजे 6.7 रिक्टर तीव्रता के भूकंप के झटकों का परिदृश्य तैयार किया गया।
जिला प्रशासन ने उच्च सतर्कता के साथ राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी टीमों को मोर्चे पर लगाया और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से लगातार स्थिति की निगरानी की।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार—
- जिला चिकित्सालय, कोटेश्वर और उद्योग विभाग भवन, भटवाड़ीसैंण प्रभावित
- जवाड़ी बाइपास रोड पर भू-धंसाव के कारण एक मैक्स वाहन खाई में गिरा, सवारों की स्थिति का पता लगाया गया
यह सभी गतिविधियां मॉक ड्रिल का हिस्सा थीं।
चमोली के थराली में मॉक ड्रिल
चमोली जिले के थराली तहसील परिसर में शनिवार को भूकंप आने के बाद राहत-बचाव कार्यों की तत्परता के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
इसमें तहसील प्रशासन, पुलिस, एसएसबी, आईटीबीपी, फॉरेस्ट, लोक निर्माण विभाग, एनसीसी और अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए।
ड्रिल के दौरान 6 रिक्टर तीव्रता के भूकंप की सूचना मिलने पर राहत-बचाव टीमों ने तत्परता दिखाते हुए 10 घायलों का सुरक्षित रेस्क्यू किया।
उत्तराखंड में आयोजित ये मॉक ड्रिल राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने, टीमों की तत्परता परखने और राहत-बचाव कार्यों में बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।







