नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनवाई की और स्वास्थ्य महानिदेशक तथा स्वास्थ्य सचिव को अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले की अगली तारीख 17 नवंबर तय की गई है।
जनहित याचिका में उठे गंभीर मुद्दे
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि:
- राज्य के अधिकतर सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं।
- लगभग सभी जिला अस्पताल मरीजों को हायर सेंटर भेज रहे हैं।
- यहां तक कि सामान्य डिलीवरी कराने के लिए भी महिलाओं को दून हॉस्पिटल या हल्द्वानी महिला अस्पताल रेफर किया जाता है।
- डॉक्टर और स्टाफ समय पर ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होते, जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि—
“जब उच्च न्यायालय स्थित क्षेत्र में ही स्वास्थ्य सेवाओं का यह हाल है, तो दूरस्थ जिलों की हालत कितनी खराब होगी, इसका अंदाज़ा सहज लगाया जा सकता है।”
शिकायत के आधार पर कोर्ट की कार्रवाई
मामला तब सामने आया जब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को एक व्यक्ति ने सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत की। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने:
- स्वास्थ्य निदेशक को 21 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया।
- राज्य की वर्तमान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर विस्तृत जवाब मांगा।
अस्पतालों में मानकों की कमी
याचिका में यह भी कहा गया है कि:
- जिला अस्पताल बिना इलाज किए मरीजों को रेफर कर रहे हैं, जिससे गंभीर मामलों में खतरा बढ़ जाता है।
- कई अस्पतालों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) के मानकों का पालन नहीं होता।
- दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति और भी चिंताजनक है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि सरकार को आदेश दिया जाए कि वह सभी सरकारी अस्पतालों में बेहतर, मानक-आधारित और सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए, ताकि दूर-दराज से आने वाले मरीजों को आवश्यक उपचार मिल सके।
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब उम्मीद है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी और सरकारी अस्पतालों की स्थिति में आवश्यक सुधार देखने को मिलेगा।







